"जब हर एक लेबल—आपका नाम, आस्था, मज़हब/ रिलिजन, कास्ट और जाती— छूट जाता है,
तो जो शेष रहता है वही आपका स्वभाव है।

यही आंतरिक स्वभाव वास्तव में तय करता है कि आप अपने आप से और संसार से कैसे जुड़ते हैं।"

ये चार प्राकृतिक प्रवृत्तियाँ और स्वभाव प्रत्येक जीव में पाई जाती हैं, और मनुष्यों में भी।

ब्राह्मण, वैश्य, शूद्र, क्षत्रिय

"कास्ट या वर्ग नहीं"

वर्ण

का अर्थ है स्वभाव, रुचि, या वह कार्य जिसे आप करना पसंद करते हैं (Passion)

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फिर जाती, और कास्ट क्या है?

जाति का मतलब व्यवसाय या पेशा होता है।

कास्ट (Caste) का अर्थ है वंश

आप कौन है?

नाम या वंश से नहीं, बल्कि स्वभाव और कर्म से

आइए जानें

नीचे हम प्रत्येक वर्ण का सार प्रस्तुत कर रहे हैं। चारों हमारे भीतर विद्यमान हैं, परन्तु प्रायः एक प्रबल होकर उभरता है और हमारे जीवन की दिशा व उद्देश्य को निर्धारित करता है।

ब्राह्मण

ज्ञान और चेतना के प्रकाशदाता

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🌿 शास्त्रों के अनुसार ब्राह्मण के स्वभाव और गुण

  • शम (मन का नियंत्रण)
  • दम (इन्द्रियों का नियंत्रण)
  • तप (साधना और संयम)
  • शौच (बाहरी और आंतरिक शुद्धता)
  • क्षान्ति (क्षमा)
  • आर्जव (सत्यनिष्ठा, सरलता)
  • ज्ञान (तत्त्वज्ञान)
  • विज्ञान (प्रायोगिक ज्ञान)
  • आस्तिक्य (ईश्वर और धर्म पर आस्था)


ब्राह्मण का स्वभाव और गुण

ब्राह्मण का स्वभाव होता है शांत, अनुशासित, ज्ञानवान, सत्यनिष्ठ और धर्मनिष्ठ

  • वे समाज के मार्गदर्शक हैं, जो ज्ञान और स्पष्टता प्रदान करते हैं।
  • उनका बल ज्ञान, तप और सत्य में निहित है।
  • उन्हें लोभ, क्रोध और अहंकार से दूर रहना चाहिए।
  • वे अध्ययन, अध्यापन, साधना और धर्म की रक्षा में निरत रहते हैं।

मुख्य कर्तव्य:

  • वेद–शास्त्रों का अध्ययन और शिक्षण
  • यज्ञ–अनुष्ठान करना व कराना
  • ज्ञान और परामर्श से समाज का नेतृत्व करना
  • तप, दान और करुणा का आचरण

👉 सरल शब्दों में:

ब्राह्मण वह है जो ज्ञान और धर्म से जीवन जीता है तथा समाज को ज्ञान और आत्मबल से दिशा देता है।

व्यवसाय:

गुरु, वैज्ञानिक,आचार्य, पुरोहित, दार्शनिक, साधु–संत, विद्वान, वैद्य, मार्गदर्शक — वे सभी जो ज्ञान और धर्म से समाज को प्रकाशित करते हैं।

वैश्य

समृद्धि के संजोयक

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वैश्य का स्वभाव और गुण

वैश्य का स्वभाव होता है परिश्रमी, संसाधनशील, दानशील और व्यवहार में न्यायपूर्ण

  • वैश्य समाज और राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।

  • वे संपन्नता, संतुलन और सामाजिक स्थिरता को बनाए रखते हैं।

  • उन्हें छल, कपट और संग्रहवृत्ति से बचना चाहिए तथा धर्मसम्मत व्यवसाय करना चाहिए।

मुख्य कर्तव्य:

  • धर्मसम्मत तरीक़े से धन का सृजन और प्रबंधन

  • कृषि और पशुपालन

  • व्यापार और वाणिज्य

  • समाज को संसाधन और आजीविका उपलब्ध कराना

  • दान और धार्मिक–सामाजिक कार्यों में सहयोग

👉 सरल शब्दों में:

वैश्य वह है जो कृषि, व्यापार और ईमानदार व्यवसाय से समाज की समृद्धि रचता और उसे उदारता से सहारा देता है।

व्यवसाय:

किसान, व्यापारी, उद्योगपति, उद्यमी, वित्तकार, निवेशक, बुनकर, पशुपालक, कारीगर — वे सभी जो व्यापार और सृजन से समाज को पोषित और विकसित करते हैं।

शूद्र

सद्भाव के निर्माता

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शूद्र का स्वभाव और गुण

शूद्र का स्वभाव होता है कुशल, रचनात्मक, परिश्रमी और व्यवहारिक

  • वे समाज की कला, शिल्प और श्रम की आधारशिला हैं।

  • संगीत, नृत्य और अभिनय द्वारा संस्कृति को जीवित रखते हैं।

  • अपने कौशल, तकनीक और कारीगरी से समाज को शक्ति और संरचना प्रदान करते हैं।

  • उन्हें ईमानदारी, निष्ठा और सहयोग का पालन करना चाहिए।

मुख्य कर्तव्य:

  • शिल्प और श्रम में निपुणता से कार्य करना

  • कला, संगीत और संस्कृति द्वारा समाज को समृद्ध करना

  • श्रम और सेवा से समाज की संरचना को सहारा देना

  • परिश्रम से सुंदरता, शक्ति और उपयोगिता का निर्माण करना

👉 सरल शब्दों में:

शूद्र वह है जो कला, शिल्प, कौशल और श्रम से समाज को सुंदरता, शक्ति और स्थिरता प्रदान करता है।

व्यवसाय:

नर्स, कारीगर, कुम्हार, चित्रकार, मूर्तिकार, बुनकर, संगीतकार, नर्तक, निर्माणकर्ता, तकनीशियन, शिल्पी, श्रमिक — वे सभी जो कौशल, कला और श्रम से समाज को सशक्त और संपन्न बनाते हैं।

क्षत्रिय

न्याय के रक्षक

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क्षत्रिय का स्वभाव और गुण

क्षत्रिय का स्वभाव होता है साहसी, अनुशासित, रक्षक और उदार

  • वे धर्म और न्याय के संरक्षक हैं।

  • समाज में कानून, व्यवस्था और समरसता बनाए रखते हैं।

  • जनता की रक्षा में वीरता और नेतृत्व दिखाते हैं।

  • उन्हें कायरता, अत्याचार और शक्ति के दुरुपयोग से बचना चाहिए।

मुख्य कर्तव्य:

  • धर्म और जनता की रक्षा करना

  • न्याय और शासन व्यवस्था बनाए रखना

  • अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध खड़ा होना

  • साहस, अनुशासन और त्याग का आचरण

👉 सरल शब्दों में:

क्षत्रिय वह है जो वीरता और न्याय से समाज की रक्षा करता है तथा साहस और जिम्मेदारी से नेतृत्व करता है।

व्यवसाय:

नेता, योद्धा, सैनिक, पुलिस, राजा, शासक, प्रशासक, सेनापति, रक्षक — वे सभी जो साहस और न्याय से समाज का शासन और संरक्षण करते हैं।

"आप कौन हैं? आपका स्वभाव क्या है?"

ब्राह्मण, वैश्य, शूद्र या क्षत्रिय?

जब आप अपना स्वभाव जानेंगे आपको आपका धर्म भी पता चल जाएगा।

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