सनात्मन शब्द का मतलब
सनात्मन् (Sanātman) = "शाश्वत आत्मा"
शब्द “सनात्मन्” (Sanātman) संस्कृत का एक संयुक्त शब्द है, जो इन दो भागों से मिलकर बना है:
-
सना (Sanā):
यह “सन्” (san) धातु से निकला है, जिसका अर्थ है: आदि से चला आ रहा, शाश्वत, अथवा सदा बना रहने वाला। -
आत्मन् (Ātman):
इसका अर्थ है आत्मा, यानी जीवन का वह तत्व जो शरीर और मन से भिन्न है।
शास्त्रीय संस्कृत (और वेदान्त) में "आत्मा" को वह आंतरिक चेतना कहते हैं, जो स्वरूप से नित्य (सदैव), शुद्ध (पवित्र), बुद्ध (चेतन) और मुक्त (स्वतंत्र) होती है।
सना आत्मन: यस्य सः सनात्मन्
अर्थात जिसका आत्मा चिरस्थायी और शाश्वत है, वही सनात्मन् है।